दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों को गैरकानूनी और उसे "स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक" कहकर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने आज अपनी कथित तटस्थतावादी नीति को उलट दिया। अमेरिका ने अपने आसियान भागीदारों और जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसा प्रमुख सहयोगियों के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का "दक्षिण चीन सागर में समुद्री दावों पर अमेरिका की स्थिति" पर बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के दो परमाणु ऊर्जा संचालित विमान वाहक पोत निमित्ज़ और रोनाल्ड रीगन दक्षिण चीन सागर में 120 लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास कर रहे हैं। दोनों विमान खुले तौर पर चीनी परमाणु पनडुब्बी बेस के उत्तर में पीएलए नौसेनिकों के अभ्यास को चुनौती दे रहे हैं।
चीन की जानकारी रखने वाले ने बताया, 'पोम्पिओ का बयान न केवल भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोगियों द्वारा खड़े होने के लिए अमेरिका की विशाल राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि दक्षिण चीन सागर फ्रंटलाइन का सुदृढीकरण भी है। बयान ने यह धारणा बदल दी है कि ट्रम्प प्रशासन की तटस्थवादी नीति है। अमेरिका का यह बयान यह इंगित करता है कि अमेरिका फिलीपींस और वियतनाम जैसे अपने सहयोगियों के साथ मजबूती से खड़ा है और दक्षिण चीन सागर में चीन के खिलाफ इंडोनेशिया और मलेशिया के दावों को मान्यता दे रहा है।'