अगर गाड़ी पुरानी हो गई है तो उसे कबाड़ में भेज दिया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार जल्द एक नीति लेकर आ रही है. लंबे समय से इस नीति की बात हो रही थी. अब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा है कि यह नीति जल्द लागू होगी. जावेडकर ने यह भी बताया कि वाहनों की कबाड़ नीति का प्रस्ताव तैयार हो चुका है और सभी संबंधित पक्षों ने इस पर राय दे दी है.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि सरकार पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने की नीति लाने के लिये तैयार है. इसके तहत बंदरगाहों के पास रीसाइकलिंग केंद्र बनाये जा सकते हैं. गडकरी ने कहा था कि पुरानी कारों, ट्रकों और बसों को कबाड़ में तब्दील किया जायेगा. गडकरी के मुताबिक सरकार ने देश के बंदरगाहों की गहराई को 18 मीटर बढ़ाने का फैसला किया है. इसके साथ ही वाहनों को कबाड़ बनाने वाले रीसाइकलिंग प्लांट बंदरगाहों के पास लगाये जा सकते हैं.
इससे प्राप्त सामग्री ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए उपयोगी होगी क्योंकि यह कारों, बसों और ट्रकों की विनिर्माण की लागत को कम करेगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत की प्रतिस्पर्धा बढ़ जायेगी. गडकरी के मुताबिक पांच साल के भीतर, भारत सभी कारों, बसों और ट्रकों का नंबर एक विनिर्माण केंद्र होगा, जिसमें सभी ईंधन, इथेनॉल, मिथेनॉल, बायो-सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक के साथ-साथ हाइड्रोजन ईंधन सेल भी होंगे.