राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक ज्ञापन प्रेषण होने में 5 दिन व्यतीत होना किसानो की उपेक्षा का संकेत – रामपाल जाट

     उच्च तकनीकी के युग में विश्व भर में सेकैंडों में संवाद एवं सम्प्रेषण हो सकता है I इसी युग में किसानो द्वारा दिए गए ज्ञापन को राजभवन, राजस्थान से राष्ट्रपति भवन, दिल्ली पहुचने में 5 दिन का समय लगाI किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपल जाट ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वर्षभर – ग्राम स्तर पर सम्पूर्ण उपज की खरीद की गारंटी का कानून बनाने एवं भारत सरकार द्वारा “एक राष्ट्र – एक बाजार” के अंतर्गत लाये गए कृषि – किसान विरोधी अध्यादेशों को वापिस लेने के सम्बन्ध में राजस्थान के किसानो की ओर से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित करने के लिए राजस्थान के राज्यपाल को 28 अगस्त को मेल भेजा गया थाI


     किसानो की ओर से शिष्ट मंडल द्वारा ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवन में समय चाहा था I जिस पर जानकारी दी गयी कि कोविड-19 में कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्यपाल किसी से भी भेंट नहीं करेंगे. तब राजभवन के सुझाव के अनुसार ज्ञापन मेल द्वारा प्रेषित किया गया I उसके उपरांत राजभवन से प्रतिदिन संपर्क रखते हुए किसानो के ज्ञापन को उनकी अनुशंसा के साथ राष्ट्रपति भवन तक पहुचाने के लिए निरंतर विनती की गयी I तब ही ज्ञापन को राष्ट्रपति भवन आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रेषित करने की जानकारी कल दिनांक 02.09.2020 को प्राप्त हो सकी I


     राजस्थान में 23 अगस्त को किसान भवन जयपुर में किसान संगठनो की बैठक में एक सामान संघर्ष का कार्यक्रम बनाने के लिए ‘किसान संगठन राजस्थान’ के नाम से मोर्चा बनाया था I उसी निर्णय के अनुसार प्रदेश के 50 संगठनो की सूची के साथ समान संघर्ष कार्यक्रम के अंतर्गत यह ज्ञापन प्रेषित किया गया था I