रूस की कोरोना वैक्सीन लगाने पर सात में से एक वॉलंटियर में दिखे साइड इफेक्ट

     रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन Sputnik V एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. वैक्सीन लेने वाले हर सात में से एक वॉलंटियर में इसके साइड इफेक्ट देखे जा रहे हैं. ये खुलासा खुद रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने किया है.  मुराश्को ने मॉस्को टाइम्स को दिए गए अपने एक बयान में कहा कि वैक्सीन लेने वाले करीब 14 फीसदी लोगों में इसके साइड इफेक्ट देखे गए हैं. 



     मॉस्को टाइम्स ने स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से बताया कि हर सात में से एक व्यक्ति ने कोरोना वायरस की वैक्सीन लेने के बाद कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द जैसे साइड इफेक्ट की शिकायत की. हालांकि मुराश्को का कहना है कि इन साइड इफेक्ट के मामले की पहले से ही जानकारी थी और ये अगले दिन ही ठीक हो गए थे. 


     इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के शुरूआती नतीजे 4 सितंबर को द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित किए गए थे. 76 लोगों को ये वैक्सीन दो भाग में दी गई थी. नतीजों में पाया गया कि Sputnik V पूरी तरह सुरक्षित है और  21 दिनों में वॉलंटियर्स के शरीर में इससे बिना किसी गंभीर साइड इफेक्ट के एंटीबॉडी बनी है. 


     हालांकि, 'द लैंसेट' में वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बारे में भी बताया गया था. इसके अनुसार, साइड इफेक्ट में 58 फीसदी लोगों नें इंजेक्शन लगाने वाली जगह पर दर्द की शिकायत की. वहीं 50 फीसदी लोगों ने तेज बुखार, 42 फीसदी लोगों ने सिर दर्द, 28 फीसदी लोगों ने कमजोरी और 24 फीसदी लोगों ने मांसपेशियों में दर्द की शिकायत की थी.


     भारत के लोगों के लिए भी रूस की वैक्सीन को लेकर बातचीत जारी है. वहीं कुछ दिनों पहले रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड  (RDIF) ने भारतीय कंपनी डॉक्टर रेड्डी को 10 करोड़ वैक्सीन डोज देने के लिए करार साइन किया है. वैक्सीन सप्लाई की ये प्रक्रिया ट्रायल पूरा होने के बाद साल के अंत तक शुरू की जाएगी. इस वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले भारत में भी लोगों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा.