संयुक्त अभिभावक समिति (राजस्थान) के अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि - जैसा कि आप सभी को विदित है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने अंतरिम आदेश देते हुए निजी स्कूल संचालकों को राहत देते हुए केवल ट्यूशन फीस में से 70 फीसदी फीस 3 किश्तों में वसूलने के आदेश दे दिए है. जिसे जनवरी 2021 तक जमा करवानी होगी। इस आदेश के साथ राजस्थान हाईकोर्ट ने अभिभावकों के पक्षकार बनने की अर्जी को भी स्वीकार कर लिया है।
राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले से अभिभावकों में घोर निराशा हाथ लगी क्योकि अगर अभिभावकों के पास 70 फीसदी ही पैसा होता तो वह 100 फीसदी ही फीस जमा करवा देते। माननीय राजस्थान हाईकोर्ट को अभिभावकों की पीड़ा को समझते हुए इस अंतरिम आदेश पर गौर करना चाहिए। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद निजी स्कूल संचालक कोर्ट की अवहेलना करते हुए पूरी फीस के मैसेज भेज रहे है. अभिभावकों के साथ बतमीजी की जा रही है।
संयुक्त अभिभावक समिति ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर अब हाईकोर्ट की डिविशनल बेंच पर जाने का निर्णय के साथ - साथ राज्य सरकार पर हल्लाबोल प्रदर्शन करते हुए, पूरी गर्मजोशी के साथ धरने पर जाने का निर्णय किया है. जिसकी आधिकारिक घोषणा जल्द से जल्द कर दी जाएगी। अतः सभी अभिभावकों से अनुरोध है कि अपनी एकजुटता और संयम बनाये रखे. जैसे अभी तक हमने मिलकर इस संघर्ष को सफल बनाने का प्रयास किया है, ठीक उसी प्रकार आगे भी हम सभी एकजुट होकर इस संघर्ष को सफल बनाएंगे।
आज ये स्कूल वाले खुलेआम आम धमकियां दे रहे है. बोल रहे है कि हमने किसी को न्यौता नही दिया था एडमिशन करवाने के लिए, फीस तो जमा करवानी ही पड़ेगी। लेकिन अब हम अभिभावक इन स्कूल वालो को आइना दिखाएंगे की तुमने तो न्योता नही दिया था लेकिन तुमने यह भी तो नही बताया था कि शिक्षा के मंदिरों को व्यापार का अड्डा बनाओगे। हमने स्कूल में एडमिशन शिक्षा मन्दिर समझकर करवाया था, तुम्हारा व्यापार देखकर नही करवाया था।
✅ अब यह लड़ाई जब तक जारी रहेगी जब तक व्यापार बन चुके स्कूल शिक्षा के मंदिर नही बन जाते।
✅ जब तक राज्य सरकार स्कूलों की मनमर्जी रोकने के लिए नियामक आयोग स्थापित नही कर देता।
✅ जब तक एक प्रदेश एक शिक्षा स्थापित नही होती।
तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
"जोर जुल्म की टक्कर से संघर्ष हमारा नारा - निकलों घर-मकानों से जंग लड़ो इन बेईमानो से"