देश 'कोरा संबोधन' नहीं, 'ठोस समाधान चाहता है - रणदीप सिंह सुरजेवाला, पवन खेड़ा

From - RAVI ANAND (Senior Journalist) PATNA


जैसे.... रोम जल रहा था – नीरो बंसी बजा रहा वैसे ही...रणदीप सिंह सुरजेवाला  (महासचिव) व पवन खेड़ा  (प्रवक्ता)  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 


     24 मार्च, 2020 को मोदी जी ने कहा था, "महाभारत का युद्ध 18 दिन चला था. कोरोना से युद्ध 21 दिन लगेंगे।" 210 दिन बाद भी समूचे देश में 'कोरोना महामारी की महाभारत' छिड़ी है. लोग मर रहे हैं, पर मोदी जी ‘समाधान की बजाय टेलीविज़न पर कोरे संबोधन से काम चला रहे हैं। कोरोना से युद्ध तो जारी है, पर सेनापति नदारद हैं। कभी मोर को दाना खिलाते हुए और कभी TV पर उपदेश देते हुए नजर आते हैं. कोरोना से लड़ाई में मोदी सरकार पूरी तरह निकम्मी व नाकारा हुई है। महामारी की विभीषिका में भाजपा ने देश के लोगों को अपने हाल पर बेहाल छोड़ दिया भारत आज दुनिया की 'कोरोना कैपिटल' बन गया है। कल यानि 19 अक्टूबर, 2020 को प्रतिदिन डेटा के मुताबिक कोरोना महामारी के संक्रमण में भारत अब दुनिया में पहले स्थान पर है। कल अक्टूबर को जारी डेटा के मुताबिक भारत में कोरोना संक्रमण के 55,722 केस आए हैं।


     उन्होंने कहा कि कोई उम्मीद नहीं, समझ नहीं आता कि कितनी बार एक दूसरे के विरोधा भासी झूठ बोलकर देश को बरगलाएंगे। मोदी जी के फेल नेतृत्व, विफल लॉकडाऊन (देशबंदी) तथा बदइंतजामी की 'तुगलकी दास्तान बगैर सोचे, बगैर समझे, बगैर विचार विमर्श के मात्र तीन घंटे के नोटिस पर किए गए मोदी जी के 24 मार्च, 2020 के लॉकडाऊन से न तो कोरोना महामारी रुकी, बल्कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था व लोगों की रोजगार-रोटी की कमर पूरी तरह से तोड़ दी. देश के इतिहास में नेतृत्व की विफलता का यह सबसे बड़ा तुगलकी उदाहरण गिना जाएगा।


     प्रधानमंत्री जवाब दें :नेतृत्व की इस विफलता का मोदी जी जवाब दें। देश को बताएं कि कोरोना पर नियंत्रण कैसे पाया जाएगा? कोरोना संक्रमण की विस्फोटक स्थिति पर कैसे काबू पाएंगे? कोरोना संक्रमण को करोड़ों में जाने से कैसे रोकंगे? कोरोना से हो रही बेतहाशा मौतों पर कैसे नियंत्रण होगा? डूबती अर्थव्यवस्था को कैसे उबारेंगे? क्या कोई हल है या फिर भगवान पर इल्जाम लगा देंगे?