विपक्ष वंशवाद और नकारात्मक राजनीति राष्ट्र हित में छोड़ दे - अजीत सिन्हा (कमांडर - इन-चीफ, नेताजी सुभाष सेना)

     अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राष्ट्र के माननीय राष्ट्र प्रहरी पत्रकारों को विपक्ष की वंशवाद की राजनीति और नकारात्मक राजनीति से राष्ट्र हित को सर्वोपरि मानते हुये दूर रहने की सलाह दी और खासकर राष्ट्र के नागरिकों के स्वास्थ्य हित के मुद्दे पर राजनीति से परहेज करने को कहा क्योंकि स्वास्थ्य हित एक ऐसा मुद्दा है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता  है.

अजीत सिन्हा (कमांडर - इन-चीफ, नेताजी सुभाष सेना)

     आज देश महामारी के दौर से गुजर रहा है और कोरोना जैसी महामारी ने अपने देश के लोगों की जान के साथ-साथ विश्व के अनेक देशों के लाखों लोगों की जान ले चुकी है. कई मौत के कगार पर खड़े हैं लेकिन अच्छी बात ये है कि अपने देश भारत में जनसंख्या के आधार पर मौत का आंकड़ा अन्य देशों से कम है. सरकार के vaccination के प्रोग्राम पर प्रश्न चिह्न खड़ी करना और उसे स्वयं न लगवाने की घोषणा करना उत्तर प्रदेश के विपक्ष की पार्टी सपा को शोभा नहीं देता है. यह मुझे मानसिक दिवालियापन की निशानी लगती है. इस तरह की घोषणा से मेरी समझ से जनता - जनार्दन को प्रभावित नहीं होना चाहिए।

     आगे उन्होंने विपक्ष की वंशवाद की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या देश में जनता - जनार्दन में यह शक्ति नहीं कि वे वंशवाद की राजनीति करने वालों को राष्ट्र और राज्य की राजनीति से दूर कर सकें क्योंकि आज राष्ट्र में मुख्य विपक्षी दल कॉंग्रेस के साथ-साथ राष्ट्र के कई राज्यों में वंशवाद की राजनीति चल रही है जिसमें सपा, बसपा, राज़द, झामुमो, तृणमूल कॉंग्रेस, शिव सेना इत्यादि में वंशवाद और परिवारवाद हावी है जो कि किसी भी संघीय ढांचे के लिये उपयुक्त नहीं और राष्ट्र की सार्वभौमिक प्रगति में बाधक है. जिसे राष्ट्र की जनता को समझना  होगा। इस तरह की राजनीति करने वालों को एक सिरे से नकारने की कोशिश करनी होगी क्योंकि हमारा राष्ट्र सर्व धर्म समभाव और वसुधैव कुटुम्बकम् वाला देश है. यहां के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त है अर्थात् कोई भी राष्ट्र की बागडोर को सम्भाल सकता है।

     आज राष्ट्र में नकारात्मक राजनीति हावी है जिसे यहां की सभी पार्टियों को इसे एक सिरे से नकारने की आवश्यकता है ताकि सकारात्मक राजनीति का काल आ सके और राष्ट्र हित जो उचित है उसे स्वीकार करना होगा।  क्योंकि मैंने पहले भी कहा था कि विरोध के लिए केवल विरोध उचित नहीं, इसमें जनता को भी समझदारी का परिचय देना होगा। स्वास्थ्य और राष्ट्र हित में सरकारी योजनाओं को स्वीकार करने में परहेज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ राष्ट्र के नागरिकों के साथ खिलवाड़ होगा ..  जय हिंद