News from - रजाक के. हैदर (एडवोकेट, राजस्थान हाईकोर्ट)
अडानी ट्रांसमिशन से जुड़ी कम्पनी और भारत सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस
जोधपुर. अडानी ट्रांसमिशन से जुड़ी कम्पनी फतेहगढ़ भड़ला ट्रांसमिशन लिमिटेड द्वारा किसानों से बिना अनुमति, सूचना और मुआवजा दिए उनके खेत में लगाए गए अनार के बगीचे के ऊपर से 765 किलोवाट की सौर ऊर्जा बिजली लाइन खींचने को लेकर दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने भारत संघ और कम्पनी के उच्चाधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जोधपुर जिले की फलोदी तहसील के ढढू गांव निवासी नाथूराम की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजाक के. हैदर व पंकज एस. चौधरी ने रिट याचिका दायर कर कहा कि, याचिकाकर्ता किसान है और उसने अपनी जमीन पर अनार के बगीचे की पैदावार कर रखी है। जिस पर पोली हाउस बनाया जाना भी प्रस्तावित है।
फतेहगढ़ भड़ला ट्रांसमिशन लिमिटेड उनके बगीचे के ठीक ऊपर से 765 किलोवाट की सौर ऊर्जा बिजली लाइन खींचने जा रही है, जबकि कम्पनी ने न तो उनको कोई सूचना दी और न ही कोई क्षतिपूर्ति राशि देने का प्रस्ताव दिया है। जबकि यहां पर विद्युतीकरण किए जाने से याचिकाकर्ता को भारी आर्थिक नुकसान होगा। यही नहीं कम्पनी ने याचिकाकर्ता पर शांति भंग करने और धमकाने की आशंका जताते हुए फलोदी के उपखण्ड अधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया है। जिस पर फलोदी उपखण्ड अधिकारी ने याचिकाकर्ता को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 107, 116 के तहत पाबंद करने का आदेश दिया है। उक्त प्रार्थना पत्र में कम्पनी अधिकारियों ने गलत तथ्य प्रस्तुत किया है कि कम्पनी ने प्रत्येक व्यक्ति को क्षतिपूर्ति अदा कर दी है। याचिकाकर्ता को क्षतिपूर्ति नहीं दी गई है। उपखण्ड अधिकारी ने तहसीलदार फलोदी को मौका मजिस्ट्रेट नियुक्त कर मौके पर कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
स्थानीय प्रशासन के सहयोग से कम्पनी कर रही मनमर्जी
याचिकाकर्ता का कहना था कि कम्पनी बिना मुआवजा दिए ही किसानों की जमीन पर अपनी बिजली लाइन खींचना चाहती है और स्थानीय प्रशासन इसमें कम्पनी का सहयोग कर रहा है। कम्पनी और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगती के कारण किसानों के संवैधानिक और विधिक अधिकारों का हनन हो रहा है। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने भारत संघ के ऊर्जा मंत्रालय, राज्य सरकार के ऊर्जा विभाग, जिला कलक्टर जोधपुर, उपखण्ड अधिकारी फलोदी, तहसीलदार फलोदी, जोधपुर डिस्कॉम, पॉवर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड और फतेहगढ़ भड़ला ट्रांसमिशन लिमिटेड के उच्चाधिकारियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने की मोहलत दी है। हाईकोर्ट ने स्थगन याचिका पर भी नोटिस जारी कर अप्रार्थीगण से पूछा है कि क्यों न मुआवजा नहीं दिए जाने की स्थिति में याचिका पर अंतिम फैसला होने तक बिजली लाइन खींचने पर रोक लगा दी जाए। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।