इतिहास टकराने वालों का ही लिखा जाता है चाहे वह काले अध्यायों में हो या स्वर्णाक्षरों में - अजीत सिन्हा

     प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक, सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा ने सरकार और किसान आंदोलन के बीच चल रही सांप और छछूंदर  के खेल पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह सही है कि इतिहास हमेशा टकराने वालों का ही लिखा जाता है लेकिन जो सही मायनों में राष्ट्र हित हेतु कार्य करते हैं उनका इतिहास स्वर्णाक्षरों में इतिहास के पन्नों में दर्ज होता है और जो केवल स्व हित और राष्ट्र विरोधी कार्य करते हैं उनका इतिहास काले अध्यायों में दर्ज होता है. देश में चल रहा किसान आंदोलन मेरी समझ से काले अध्यायों में ही अपना नाम दर्ज करा पाएगा क्योंकि इसी आंदोलन के दरम्यान राष्ट्र के लोगों ने अपने तिरंगे का अपमान देखा और सहा है.

(अजीत सिन्हा
     इन दिनों आंदोलन की रुप रेखा थोड़ी और भिन्न हो गई है क्योंकि तिरंगे के अपमान पर सभी एक स्वर से इसकी भर्त्सना कर रहे थे लेकिन जैसे ही दोषियों की गिरफ्तारी होने लगी वैसे ही उन्हें बचाने के लिए राष्ट्र विरोधी तत्वों की फौज सक्रिय हो गई, जो यह साबित करती है कि उनकी मंशा आंदोलन के आड़ में कुछ और ही है. हद तो तब हो गई जब ऐसे तत्वों के स्वर में स्वर प्रमुख विपक्षी दल कॉंग्रेस भी शामिल हो गई और देश के बाहर के तत्व भी सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे तत्वों का समर्थन करने लगे। 


     किसान आंदोलन में शामिल लोगों को ऐसा लगता है कि सरकार सभी आन्दोलनरत किसान भाइयों को देश विरोधी तत्व साबित कर आंदोलन को सांप की भांति निगल जाना चाहती है. इसलिये मैंने इसे सांप - छछूंदर के खेल की संज्ञा दी है. ऐसा लगता है कि इस आंदोलन के तार विदेश से जुड़े हैं. वहां से इस आंदोलन को जारी रखने हेतु फंडिंग भी हो रही है जो कि बिलकुल गलत है. देश के कुछ किसानों ने यदि सही में बाहर से सहयोग लिया है तो यह अवश्य ही चिंतनीय और निंदनीय है। यहां के लोग सभी अपने है और यह आंदोलन भारत का आंतरिक मामला है.  इसमें बाहर के लोगों के हस्तक्षेप भारत की जनता कदापि बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसे तत्वों और लोगों का नाम भारत के इतिहास में अवश्य ही काले पन्नों में लिखा जाएगा। वंदे मातरम्, जय हिंद!