डरें वे जिन्हें अपनी जान प्यारी है, मुझे तो अपनी माँ भारती की आन-बान और शान प्यारी है - अजीत सिन्हा

     राँची। प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक, सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा ने कहा कि कि देशद्रोहियों, जेहादियों और गद्दारों के विरुद्ध मोर्चा खोलने की वज़ह से मेरे कुछ अभिन्न मित्रों का फोन आया और उन्होंने कहा कि आजकल जिस तरह के वक्तव्य आप जेहादियों, गद्दारों और देशद्रोहियों के संबंध में दे रहें हैं. उनके विरुद्ध आपने मोर्चा खोल रखा है, उससे आपकी जान को खतरा हो सकता है. जान है तो जहान है और आपकी जान हमलोगों के लिए क़ीमती है. इसलिय वैसे वक्तव्यों या प्रतिक्रिया से आप बचें। इस पर मैं अपने मित्रों से इतना ही कहना चाहता हूं कि मैं गलत के विरुद्ध आवाज उठाने से कभी भी नहीं डरता और माँ भारती की आन-बान और शान के लिए भी, मरने से नहीं डरता क्योंकि जिसने राष्ट्र के लिए सर्वश अर्पण के लिए ठानी हो, उसे किस बात का डर है? क्योंकि," सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है कि जोर कितना बाजू - ए - कातिल में है"।

(Ajeet Sinha

     आगे अजीत सिन्हा ने कहा कि मैं अपने मित्रों सहित, माँ भारती के सपूतों से बस इतना ही आशीर्वाद चाहता हूं कि तब तक प्राण तन से न निकले, जब तक मैं अपने मिशन को अपनी आँखों से कामयाब होता न देख लूं. जेहादी, ग़द्दार और देशद्रोहियों से खुलकर इतना ही कहना चाहता हूं कि - अजीत सिन्हा  कोई चूं-चूं का मोरब्बा नहीं कि जिसे तुम खा जाओगे क्योंकि मेरे सर पर देशप्रेमियों का हाथ है और साथ में कम से कम एक हजार नेताजी सुभाष सेना के कमांडर मित्रों का साथ है, जो अकेले सौ के बराबर एक हैं. जिन्होंने राष्ट्र पर मर - मिटने की कसमें खाई है.  यदि मैं समय से पहले दिवंगत हो भी जाऊं, तो भी मेरे द्वारा देखे गये सपनों को मित्र साथी पूर्ण करेंगे। जो भी मेरे गिरेबां पर हाथ डालेगा, उसका हाथ काटने से मेरे साथी हिचकेगें भी नहीं क्योंकि हम जैसे क्रांतिकारी कुछ कर गुजरने और राष्ट्र पर मर-मिटने के लिये ही पैदा होते हैं. जय हिंद, वंदे मातरम्!