News from - अभिषेक जैन बिट्टू (प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी - संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान)
संयुक्त अभिभावक संघ ने शिक्षा राज्यमंत्री, बाल आयोग और जिला शिक्षा अधिकारी को लिखा पत्र, तत्काल कार्यवाही की मांग
" ऑनलाइन शिक्षा हुई फेल, अगर इसी तरह चलता रहा तो मिलेंगे दुष्परिणाम, शिक्षा के नाम पर सिख रहे दुराचार " --- संयुक्त अभिभावक संघ
स्कूलों में ऑनलाइन क्लास को लेकर तय हो सुरक्षा के मानक
जयपुर। राजधानी जयपुर के महंगे स्कूलों में शुमार जयश्री पेडिवाल स्कूल में एक बार फिर घोर लापरवाही बरती गई, कक्षा 11 की ऑनलाइन क्लास के दौरान तीन दिनों से पढ़ाई के बीच मे ही पोर्न वीडियो चल रहे है, जिसको लेकर अभिभावक ने स्कूल प्रबन्धकों को 19 मई और 20 मई को सुचना भी दी, किन्तु स्कूल प्रबन्धकों के कानों में जू तक नही रेंगी और प्रबन्ध की लापरवाही के चलते पोर्न वीडियो ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान चलता रहा। 19 मई को छात्र ने जब यह सब देखा तो उसमें पहले अपने अभिभावक को बताया, अभिभावक ने स्कूल इसकी सूचना दी, किन्तु प्रबंधकों ने कोई संज्ञान नही लिया, वापस 20 मई को दुबारा यही घटना घटी फिर स्कूल को सूचना दी, उसके बावजूद लापरवाही बरती गई। अब अभिभावक और छात्र स्कूल प्रबन्धकों के डरा से आगे नही आना चाहता है।
इस घटना पर संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि " ऑनलाइन शिक्षा पूरी तरह से फेल हो चुकी है, अगर इसी तरह से ऑनलाइन पढ़ाई चलती रही तो इसके दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे, ऑनलाइन क्लास के दौरान छात्र-छात्राएं शिक्षा के नाम पर दुराचार सिख रहे है। " शनिवार को घटना को लेकर संघ ने बाल आयोग को पत्र भी लिखा है जिसकी कॉपी शिक्षा राज्यमंत्री और जिला शिक्षा अधिकारी को भी भेजी है।
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि जयश्री पेड़ीवाल स्कूल प्रबन्धक लगातार हठधर्मिता का परिचायक बन चुका है, 11 वीं कक्षा के छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान घोर लापरवाही बरती गई, जो निंदनीय है। अभिभावक की सूचना के बावजूद स्कूल प्रबन्धकों द्वारा लापरवाही बरती गई, ऐसे स्कूलों की तत्काल मान्यता रदद् होनी चाहिए और राज्य सरकार को भी इस विषय पर बेहतर प्रबंधन करने की आवश्यकता है, कठोर नियम के साथ नियमों के पालन की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिए। स्कूलों का कार्य केवल फीस वसूलना नही है, फीस के साथ-साथ बेहतर शिक्षा की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी स्कूल संचालकों की है, हमें उम्मीद है बाल आयोग इस विषय को गंभीरता से लेगा और सख्त कार्यवाही कर सभी स्कूलों को संदेश देंगा।
विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने कहा कि शिक्षा राज्यमंत्री और बाल आयोग को लिखे पत्र में मांग की गई है कि स्कूल प्रबन्धकों ने शिक्षा को लेकर लापरवाही बरती गई है जिस पर तत्काल संज्ञान लिया जाए, स्कूल को आदेशित किया जाए और ऑनलाइन क्लास को लेकर साइबर सिक्योरिटी के माकूल इंतज़ाम करवाये जाए। पत्र में यह भी कहा गया है कि लापरवाही बरतने वाले स्कूल पर कठोर कार्यवाही की जाए, जिससे स्कूलों को सबक मिल सके, क्योकि पूर्व में भी बड़े स्तर पर ऐसी घटनाएं सामने आई है साथ ही सभी निजी स्कूलों को यह भी आदेशित किया जाए कि वह अपने स्कूलों में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट / आईटी एक्सपर्ट की नियुक्ति कर प्रॉपर सिक्योरिटी मेंटन कर छात्र-छात्राओं के साथ ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करें।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि जयश्री पेड़ीवाल स्कूल की लापरवाही ने शिक्षा का अपमान किया है, जबकि पूरा देश शिक्षा का पूजन करता है। संयुक्त अभिभावक संघ शिक्षा राज्यमंत्री और बाल आयोग से तत्काल कार्यवाही की मांग करता है। जिससे सभी स्कूलों को संदेश दिया जा सके।
सेंट एंसलम स्कूल के अभिभावक जुड़े जन जागरूकता अभियान से, जाने अपने अधिकार
प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत 16 दिनों से प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर जन जागरूकता अभियान चला रही है जिसमे शनिवार को दोपहर 2 बजे से निवारू रोड़ स्थित सेंट एंसलम स्कूल के जागरूक अभिभावक बड़ी संख्या में जुड़े और सुप्रीम कोर्ट के आदेश, फीस एक्ट 2016 आदि की जानकारी जुटाई और अपनी शंकाओ का समाधान भी प्राप्त किया।