खरीद के बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी निरर्थक है – रामपाल जाट

News from - गोपाल सैनी  (कार्यालय सचिव-किसान महापंचायत)

     Jaipur - खरीद के बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की घोषणा मात्र दिखावा है तथा सरकारी भेदभाव पूर्ण दोहरी नीति को ढकने का असफल प्रयास है. यह “हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और” की कहावत को चरितार्थ करती है. अभी भी किसानों को अपना चना घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से 500 रुपये प्रति क्विंटल का घाटा उठाकर बेचना पड़ रहा है I सामान्यतया यही स्थिति मूंग, उड़द, अरहर जैसी दलहनों की रहती है I सरकार ने दालों के आयात से प्रतिबंध हटा कर किसानों पर कहर ढाया है, इसके कारण दलहनों के दाम1500 रुपए प्रति क्विंटल तक गिर गए I राजस्थान में मूंग का उत्पादन संपूर्ण देश का 47% है तो भी किसानों को अपना मूंग औने-पौने दामों में बेचना पड़ा था I न्यूनतम सरथं मूल्य होते हुए भी कुल उत्पादन में से 75% दलहन एवं तिलहन की उपजों को तो सरकार खरीद की परिधि से बाहर किया हुआ है, जिससे तीन चौथाई उत्पादो को तो घाटे में बेचने की विवशता है I इसी सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेलों के दाम कम होने पर भी वर्ष 2021 में ही डीजल एवं पेट्रोल के दाम 21 बार बढ़ा दिए I गंगानगर, हनुमानगढ़ में तो एक लीटर डीजल के दाम 100 रुपये तक चुकाने पड़ते हैI इसे तो सरकार ने अपनी आय का साधन बनाने के लिए किसानो को महंगाई का चाबुक लगाना शुरू कर दिया दूसरी ओर यही सरकार मंहगाई रोकने के नाम पर दलहनो के आयात पर से प्रतिबन्ध हटा रही है. 

     बाजरा का प्रमुख उत्पादक राजस्थान है जहां संपूर्ण देश का 40% से अधिक उत्पादन होता है I राजस्थान में बाजरे की खरीद नहीं होने के कारण किसानों को अपना बाजरा औने पौने दामों में बेचना पड़ा था I जबकि सरकार ने तब भी बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ोतरी का श्रेय लेने के लिए निरंतर ढोल पिटा था I 

     10 वर्ष पूर्व दूदू - राजस्थान से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के लिए कानून का प्रारूप तैयार किया गया जिसके आधार पर 8 अगस्त 2014 को एक निजी विधेयक को लोकसभा ने सर्वसम्मत रूप से विचारार्थ स्वीकार किया था I इसको लेकर संपूर्ण देश का किसान आंदोलनरत है I तो भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने की अभी तक कोई पहल नहीं हुई है I जबकि केंद्र सरकार निरंतर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद कर किसानों की आय को दोगुणा करने का संकल्प पिछले 5 वर्षो से दोहरा रही है I