पटेल चौक मैट्रो स्टेशन पर ही घेरा किसानों को, जंतर-मंतर पहुंचने से रोक कर संवैधानिक अधिकारों का हनन किया - रामपाल जाट
     किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में चल रहे सत्याग्रह जंतर-मंतर, नई दिल्ली पर 5 जुलाई 2021 से शूरू हुआ। पहले दिन जंतर-मंतर, नई दिल्ली पर सत्याग्रह पुरे दिन चला और प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया गया। 6 जुलाई 2021 से जैसें ही किसान जंतर-मंतर पर पहुंचते, दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों को गिरफ्तार कर संसद थाना ले आते। यह क्रम निरन्तर चल रहा है, दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह शूरू करनें से पहले ही थाना में लेजाया जाता है।

     230 दिन व्यतीत होने के उपरांत भी जंतर-मंतर पर पिछले 11 दिनों से सत्याग्रहियों को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने को पुलिस द्वारा रोका जा रहा हैं जबकि सत्याग्रह करने का प्रत्येक नागरिक को संविधानिक अधिकार है। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट 87 वर्ष के, किसान हरलाल क्रान्तिकारी 69 वर्ष के, मुसुद्दीलाल यादव प्रदेश अध्यक्ष, हाथ पेरो से लाचार ,स्वामी इन्द्रर नेहरा, बत्तीलाल बैरवा प्रदेश मंत्री, रामेश्वर प्रसाद चौधरी प्रदेशाध्यक्ष युवा किसान महापंचायत, हनुमान बिजारणियां, हरजीराम घटाला अध्यक्ष दूदू, हरलाल कान्तिकारी, मांगीलाल , बद्रीलाल आदि को अभिरक्षा मे पुलिस ने ले रखा है।

     जंतर-मंतर पर सत्याग्रहियों को रुकने नहीं दिया जा रहा हैं। सत्याग्रही अपना संघर्ष सत्य के लिए सत् के द्वारा चलाने के लिए उतदृढ़ है। प्रधानमंत्री द्वारा निरन्तर घोषणा कि जा रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य था, हैं, और रहेगा। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य को गारंटीड मुल्य बताया गया हैं। उसके उपरांत भी किसानों को अपना उत्पाद औने-पौने दामों में बेचना पड़ता है। उन्हें समर्थन मूल्य तो दूर, लागत मुल्य भी नहीं मिल पाता है। किसानों को उनकी उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तभी प्राप्त हो सकता है। जब इसकी खरीद की गारंटी का कानून बनें। इस सत्य के आग्रह के लिए ही 230 दिनों से किसान संघर्षरत हैं। शाहजहांपुर बोर्डर से दिल्ली तक किसानों को अनेक स्थानों पर अनेकों बार रोका गया किन्तु किसानों ने हिम्मत नहीं हारी और किसानों द्वारा जंतर-मंतर से नारे लगाते हुए थाना संसद तक पहुंचें।

     न्यूनतम समर्थन मूल्य को गारंटीड कानून बनाने के लिए राजस्थान के दूदू से 2010 में आन्दोलन शुरू हुआ।
जो आज भारत देश की मांग बन गई। राजस्थान के किसानों ने 28 नवम्बर 2020 को जंतर-मंतर के लिए रवाना हुए तो शाहजहांपुर बोर्डर पर हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों को रोक लिया जिसके उपरांत सर्विस रोड पर ही किसानों ने डेरा डाल दिया। न्यूनतम समर्थन मूल्य को गारंटीड कानून बनाने तथा तीनों नये कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाया जाने तक सत्याग्रह जारी रहेगा।