News from - अभिषेक जैन बिट्टू (प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी-संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान)
स्कूल कर रहा है मनमानी, प्रिंसिपल बोले - " हम कोई जानकारी नही देंगे, लेनी है तो सुप्रीम कोर्ट जाओ "
एक घण्टे तपती धूप में स्कूल के गेट पर खड़े रहे सेकड़ो अभिभावक
जयपुर। निजी स्कूलों की फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भले ही आदेश दे दिया हो किन्तु अभिभावकों की मांग के बावजूद कोई भी निजी स्कूल ना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना कर रहा है ना फीस एक्ट 2016 की पालना सुनिश्चित कर रहा है। शनिवार को निवारू रोड़ स्थित सेंट अंसलेम्स स्कूल परिसर में बड़ी संख्या में अभिभावक अपनी मांगों को लेकर जुटे, किन्तु एक घण्टे स्कूल के मुख्य गेट पर खड़े रहने के बावजूद स्कूल के प्रिंसिपल ने मात्र 4 अभिभावकों से मुलाकात की और स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि " हम कोई जानकारी नही देंगे, जानकारी लेनी है तो सुप्रीम कोर्ट में जाओ "। इस दौरान स्कूल के सेकड़ो अभिभावकों के साथ संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू सहित लोकेश शर्मा, सुशील गुप्ता, पवन अग्रवाल, प्रवीण शर्मा आदि भी शामिल हुए।
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि निजी स्कूलों की हठधर्मिता लगातार बढ़ती जा रही है और गलत तथ्यों को रखकर यह अभिभावकों को बरगला रहे व बच्चों के भविष्य तक को खराब करने की धमकियां दे रहे है। अभिभावकों की शिकायतों पर हम स्कूल प्रिंसिपल से मिलने पहुंचे थे किंतु स्कूल प्रिंसिपल ने मिलने तक से मना कर दिया। ऐसी स्थिति में स्कूल और अभिभावक का समन्वय कैसे संभव होगा। अभिभावक किसी भी स्कूल से ना भीख मांग रहा है और ना ही राहत मांग रहा है केवल जो कानून में अभिभावकों को अधिकार प्राप्त है वह केवल उनकी मांग कर रहे है। कानून की बात करते है तो 03 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया वह स्कूलों की रीट पर दिया उसके बावजूद वह उसकी पालना नही कर रहे है, सुप्रीम कोर्ट ने फीस एक्ट 2016 को सही मानते हुए उसके अनुसार फीस लेने के आदेश दिए उसके बावजूद स्कूल संचालक मनमुताबित फीस वसूल रहे है।
शिक्षा विभाग करे कार्यवाही अन्यथा होगा शिक्षा शंकुल का घेराव
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि निजी स्कूलों की मनमानियों को देखकर लगता है राज्य में कानून व्यवस्था ना शिक्षा व्यवस्था है प्रदेश पूरी तरह से जंगलराज के आधार पर चल रहा है। ना कानून अपना काम कर रहा है, ना प्रशासन अपना काम कर रहा है जिसको देखो वह आम नागरिकों को लूटने की योजना बना रहा है।
संयुक्त अभिभावक संघ शिक्षा विभाग को खुली चेतावनी देता की अगर जल्द से जल्द निजी स्कूलों की हठधर्मिता को खत्म नही करवाया गया, कानून की पालना सुनिश्चित नही करवाई गई तो पिछले वर्ष से कही अधिक विशाल प्रदर्शन प्रदेश की सड़कों पर देखने को मिलेंगे। प्रतिदिन संगठन के हेल्पलाइन 9772377755 नम्बर पर प्रदेशभर से अभिभावकों की बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हो रही है इन सभी शिकायतों की प्रति शिक्षा मंत्री, जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूलों को भी मेल के माध्यम से भेजी जा रही है किंतु सभी मूकदर्शक बने हुए है। शिक्षा विभाग जल्द से जल्द कार्यवाही सुनिश्चित नही करता है तो शिक्षा शंकुल का घेराव किया जाएगा।
स्कूल के अभिभावक सुशील गुप्ता और पवन अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद हम लगातार स्कूल प्रशासन से मिलने का प्रयास कर रहे है उनसे ना राहत मांग रहे है ना सहायता मांग रहे है उनसे केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करने एवं फीस एक्ट 2016 को लागू कर फीस डिसाइड करने की मांग कर रहे है किंतु सेंट अंसलेम्स स्कूल निवारू रोड़ कहता है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है वह मिशनरी स्कूलों पर लागू नही होता है और जो फीस एक्ट 2016 है उस पर कोर्ट का स्टे लगा हुआ था। जबकि अभी सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है उसमें मिशनरी स्कूलो के संगठन कैथोलिक एसोसिएशन इस सुनवाई में पार्टी था और फीस एक्ट 2016 पर आज दिनांक तक कोई स्टे नही लगा हुआ था।