श्रावण मास में लगातार अत्यधिक मात्रा में वर्षा होने के कारण बारां, कोटा, सवाईमाधोपुर, टोंक, बून्दी, झालावाड़ जैसे अनेक जिलों में किसानों की फसलें जलमग्न होने के कारण समाप्त हो गई। साथ ही बारां के किशनगंज तहसील के हथीयादह क्षेत्र के आस-पास तो 10 फिट तक पानी भरा हुआ है। पुलिया टूट जाने के उपरांत प्रशासन द्वारा नाव की व्यवस्था नही करवाने से किसानों, मजदूरों के पास खाद्य सामाग्री भी नहीं पहूंची है।
चारा बह जाने के कारण किसानों के सामने पशूओं को सूखे चारे की भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। टोंक जिले के उनियारा में चार व्यक्तियों की मौत भी हों चुकी हैं। साथ ही कच्चे मकान भी गिरने की स्थिति में हैं। सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा के टापुर गांव के लोगों को गांव में ही केद होकर रहना पड़ रहा क्योंकि टापुर बांध की 15 दिनों से चादर चल रही है। प्रशासन के निर्देश पर गांव वासियों को गांव में ही बन्द रहना पड़ रहा है. छोटे -बड़े कई तालाब टूटने के कगार पर है, जिससे सैकड़ों गांवों को भी जलमग्न होना पड़ सकता है। इस प्रकार की परिस्थितियों को ध्यान रखते हुए प्रशासन को मौके पर भेज कर सर्वे करवाकर पीडितों को राहत पहुंचाई जावे।