तपस्या में तत्व पड़े किंतु ताप ना बढ़े -मुनि सिद्ध प्रज्ञ

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 श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा काकरोली

तप अभिनंदन

     कांकरोली। आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री संजय कुमार  के सानिध्य में राकेश नवलखा एवं कशवी बापना का तेरापंथ सभा कांकरोली के अध्यक्ष प्रकाश सोनी, बाबूलाल डांगी, शांतिलाल चोरड़िया के द्वारा दोनों तपस्वी का सम्मान पत्र के द्वारा सम्मान किया गया और तेरापंथ महिला मंडल कांकरोली और नवलखा  परिवार की ओर से बहनों ने गीत को मधुर ध्वनि से प्रस्तुत किया। सरदारगढ़ से स्वागत उपासिका शांता बेन नवलखा ने तपस्या पर विचार व्यक्त करते हुए  मुनि श्री सिद्ध प्रज्ञ के प्रति बहुत-बहुत कृतज्ञता व्यक्त की।

     मुनि श्री सिद्ध प्रज्ञ  ने कहा कोरा शरीर तपता है तब अहम बढ़ता है. शरीर और इंद्रियां दोनों तपती है तब अहम कम होता है. शरीर, इंद्रिय और मन तीनों तपते हैं, तब आत्मा का द्वार खुलता है और शरीर, इंद्रिय, मन और बुद्धि चारों तपते  हैं तब आत्मा का साक्षात्कार होता है। भाई  राकेश नवलखा ने पहली बार 9 की तपस्या करके जहां एक और जैन शासन एवं तेरापंथ धर्म संघ की प्रभावना की. वहीं दूसरी ओर उन्होंने नवलखा परिवार में तपस्या का रास्ता खोल दिया। इसके पहले अभी तक नवलखा परिवार में किसी ने भी इतनी लंबी तपस्या नहीं की थी। कशवी बापना 13 वर्ष की छोटी सी लड़की होते हुए भी बड़ी तपस्या करना बहुत बड़ी बात है.

     इस अवसर पर मुनि श्री ने सांता नवलखा के बारे में प्रेरणा देते हुए कहा इन्होंने अपने जीवन में ज्ञान, ध्यान, जाप आदि का अच्छा विकास क्या है. इन के संघ और संघप्रति के प्रति आस्था अटूट है. अब यहा बहने और आध्यात्मिक विकास करें।

     इस अवसर पर तेरापंथ सभा एवं तेरापंथमहिला मंडल कांकरोली की ओर से तपस्वी राकेश नवलखा एवं बाल तपस्वी कशवी बापना का साहित्य एवं अभिनंदन पत्र के द्वारा अभिनंदन किया गया। तेरापंथ समाज के गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा सम्मान की रस्म अदा की गई. कार्यक्रम का संयोजन तेरापंथ सभा के मंत्री हिम्मत कोठारी ने कुशलतापूर्वक किया। कार्यक्रम के अंत में बाहर से आए सभी महानुभावों का सम्मान पूर्वक आभार व्यक्त किया गया.