राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री जी की समाधि स्थल पर सत्याग्रहियों ने नमन किया - रामपाल जाट

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     1965 के दशक में जब किसानों को उनकी उपजों के बाजार में मूल्य औन -पौने दाम मिल रहें थे। तब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हस्ताक्षर करने वाले प्रथम प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री थे। उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा बुलंद किया। आज उन्हीं की जयंती के अवसर पर किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में विजय घाट जाकर नमन किया । 

     विश्व में सत्याग्रह के नाम पर आन्दोलन करने वाले सत्य शांति अहिंसा के पुजारी  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की राजघाट  समाधि पर पहुंच कर सभी किसान सत्याग्रहियों ने श्रद्धानवत होकर नमन किया। ज्ञात रहे कि पिछले 90 दिनों से सत्याग्रह कर रहे सत्याग्रहियों ने उनकी समाधि के सामन उन्हीं के रास्ते पर चलते रहने का संकल्प लिया। किसानों को उनकी उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद की गारंटी का कानून बनाने के लिए सरकार की संवेदना जगाने का एकमेव रास्ता है।

     दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर दिन भर थाना संसद मार्ग में निरूद्ध रखें जाने वाले  सत्याग्रहियों ने भारत सरकार सहित सभी की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की। किसानों को संविधान प्रदत्त  सम्मानजनक जीवन यापन के लिए मूलभूत अधिकारों की दिशा में उपजों का मूल्य प्राप्त हो सके उसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का गारंटी कानून बनाया जाना अपरिहार्य है।

     गांधी-शास्त्री द्वय को नमन करने के अवसर पर किसान महापंचायत प्रदेशाध्यक्ष मुसद्दीलाल यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष छीतर लाल गुर्जर, महामंत्री सुन्दर लाल भावरिया, युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, प्रदेश प्रचार प्रसार मंत्री मिश्रीलाल गुर्जर, प्रदेश मंत्री बत्तीलाल बैरवा, ज्ञानचंद मीना, सुखाराम सामोता, ग्यारसी लाल, मुरलीधर, मौहरीलाल डोडवाडिया आदि।