पिता कैंसर की बीमारी से झुझ रहे है, स्कूल बोर्ड परीक्षा प्रवेश पत्र देने से कर रहा है इनकार

News from - अभिषेक जैन बिट्टू

10 वीं के छात्र की स्कूल फीस की एक किश्त बाकी, स्कूल बोर्ड परीक्षा प्रवेश पत्र देने से कर रहा है इनकार, बुधवार से 10 वीं की परीक्षा शुरू हो रही है

पिता कैंसर की बीमारी से झुझ रहे है, कोविड़ के चलते परिवार की आमदनी खत्म

स्कूल को पत्र लिख दिया, उसके बावजूद भी सुनने को तैयार नहीं

     जयपुर। राजधानी जयपुर शहर के जवाहर नगर स्थित माहेश्वरी पब्लिक स्कूल का एक मामला सामने आया है, जिसमे स्कूल फीस के अभाव में स्कूल ने 10 वीं बोर्ड परीक्षा देने के लिए जारी किया गया केंद्र प्रवेश पत्र देने से इनकार कर दिया है. स्कूल प्रशासन ने छात्र के अभिभावक को कहा है पहले पूरी चुकाओ और एडमिट कार्ड ले जाओ। इस संदर्भ में अभिभावक ने संयुक्त अभिभावक संघ को पत्र लिखकर मदद मांगी है। पत्र में अभिभावक ने बताया की उनके पति कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से झुझ रहे है और जब से कोविड़ आया है तब से परिवार की आमदनी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है, परिवार इस समय आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। 

     प्रदेश विधि मामलात मंत्री अमित छंगाणी ने बताया की माहेश्वरी पब्लिक स्कूल पूरी तरह से मनमानी कर अभिभावकों पर नाजायज दबाव बना रहा है और केवल फीस वसूलने के चलते छात्र - छात्राओं के भविष्य तक से खिलवाड़ करने से परहेज नहीं कर रहे है। इसके अतिरिक्त 03 मई 2021 और 1 अक्टूबर 2021 को निजी स्कूलों की फीस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था की फीस के अभाव में कोई भी स्कूल किसी भी छात्र की ना पढ़ाई रोक सकते है ना परीक्षा से वंचित रख सकते है उसके बावजूद स्कूल द्वारा मात्र 1 किश्त बकाया होने पर छात्र का एडमिट कार्ड नहीं देना माननीय सर्वोच्च न्यायालय का अपमान करना है और कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की माहेश्वरी पब्लिक स्कूल ना केवल कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहा है बल्कि इंसानियत और मानवता तक को शर्मशार कर रहा है। अभिभावक स्कूल को अपनी परिस्थिति बता चुका है, उसके बावजूद अभिभावक की सुनवाई नहीं करना यह भी कोर्ट के आदेश का अपमान है, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी आदेश दिए थे की स्कूलों को अभिभावकों की समस्याओं को सुनाना ही होगा और समाधान करना होगा किंतु स्कूल इस आदेश की भी पालना नहीं कर रहा है। इसके अतिरिक्त अभिभावक के पति कैंसर जैसी बीमारी से झुझ रहे है, परिवार पर आर्थिक संकट गहराया हुआ है उसके बावजूद छात्र की माता ने स्कूल को पत्र लिखकर बकाया 1 किश्त को जल्द जमा करवाने की बात कही है साथ ही छात्रा की माता ने स्कूल को यहां तक कहा है की अगर आपको लगता है फीस जमा नही होगी तो आप जो रिजल्ट आए उसकी ओरिजनल कॉपी हमें मत देना किंतु अभी तो बच्चे को परीक्षा तो देने दो किंतु स्कूल ने अभिभावक की कोई बात नही सुनी और स्कूल ने अभिभावक को कहा की पहले फीस जमा करवाओ और बच्चे का एडमिट कार्ड ले जाओ। अन्यथा परीक्षा को भूल जाओ। अब अभिभावक ने संयुक्त अभिभावक संघ से मदद मांगी है, संयुक्त अभिभावक संघ अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने अभिभावक की शिकायत के आधार पर शिक्षा मंत्री, संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग, जयपुर जिला शिक्षा अधिकारी मध्यामिक और राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर अभिभावक और छात्र के लिए न्याय की मांग की है।