ना कांग्रेस को अपने नेताओं पर विश्वास है ना नेताओं को कांग्रेस पर विश्वास है, कांग्रेस की फूट का खामियाजा प्रदेश भोग रहा है - अभिषेक जैन बिट्टू

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  नेतृत्व विहीन कांग्रेस संगठन में विश्वास खो चुकी है जनता कैसे विश्वास करे?

     जयपुर। प्रदेश में सत्ता की भाग-दौड़ और संगठन नेतृत्व को कांग्रेस में आपस में चल रही खींचतान पर एक तरफ सभी राजनीतिक दल नजरें गड़ाए हुए बैठे है तो वही दूसरी तरह देश और प्रदेश के राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता भी नजरें गड़ाए हुए बैठे है। इसी बीच मंगलवार को युवा और सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कांग्रेस में चल रहे घटनाक्रम कांग्रेस का प्रोपोगंडा करार देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे देश मे अपना विश्वास खो चुकी है और ना ही कांग्रेस को अब किसी पर विश्वास रहा है। 

     कांग्रेस देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसको ना तो अपने नेताओं पर विश्वास है और ना कांग्रेस के किसी नेता को कांग्रेस पर विश्वास रहा है। कांग्रेस की आपसी फूट का खामियाजा प्रदेश को भोगना पड़ रहा है। क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में है। किन्तु इस सच से अनजान बनकर कांग्रेस और उसके विधायक होटलों और बैठकों का सुख भोग रहे है। 

     अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि " आज की तारीख में पूरे देश मे कांग्रेस एक नेतृत्व विहीन संगठन है और अब वह धीरे-धीरे जनता के साथ-साथ संगठन ने भी अपना विश्वास खोती जा रही है। ऐसी स्थिति में देश हो या प्रदेश की जनता कैसे कांग्रेस पर विश्वास करें। आज कांग्रेस पार्टी संगठन बनाने की बजाय देश बनाने की बात कर रही है, बकायदा इसके लिए " भारत जोड़ो यात्रा " निकाल रही है यह अच्छी बात है किंतु भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस को " संगठन जोड़ो यात्रा " शुरू करनी चाहिए। जब तक संगठन एकजुट नही होगा, तब वह किसे और कैसे विश्वास में लेंगी, क्योकि जब संगठन ही एकजुट नही होगा तो वह देश को कैसे एकजुट करेगी। 

     जैन ने आगे कहा कि कांग्रेस का आये दिन केवल संगठन को लेकर ही तमाशा देखने को मिलता है, इससे पहले भी एक बार राजस्थान में सत्ता को लेकर तमाशा किया गया था, इसके अलावा मध्य प्रदेश और पंजाब में तमाशा देखने को मिला था। इसके अलावा जी-23 ग्रुप अब दुबारा राजस्थान क्या जनता कांग्रेस को वोट केवल तमाशा देखने के लिए देती है। जबकि इनके तमाशे का खामियाजा जनता को भोगना पड़ता है। बेहतर होगा कांग्रेस पहले खुद में विश्वास करें इसके बाद जनता से विश्वास मांगे।