किसानो को लूट से बचाने के लिए नैना यूरिया खरीदने की बाध्यता को रोकने हेतु

News from - किसान महापंचायत

 किसान की खुशहाली के बिना आजादी अधूरी है

खुशहाली के दो आयाम – ऋण मुक्ति और पूरे दाम

     जयपुर। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने किसानो को लूट से बचाने के लिए नैना यूरिया खरीदने की बाध्यता को रोकने हेतु भारत का प्रतिस्पर्धा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यगणों को विस्तृत रूप से पत्र लिखा. 

 प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 के अंतर्गत कार्यवाही आरम्भ करने 

मान्यवर, 

उक्त संदर्भित विषय में निवेदन निम्न प्रकार है : 

1. यह कि नैनो यूरिया, मैसर्स इफको द्वारा उत्पादित एवं पेटेनटेड उर्वरक है. इसकी 500 मिलीग्राम की एक बोतल का मूल्य 240 रुपये है. इसके बारे में उत्पादकों का द्वारा प्रचारित किया जा रहा है कि 500 ml की बोतल से 1 एकड़ में खड़ी फसलों पर छिड़काव करने पर 25% नाइट्रोजन की बचत होती है. जिसकी लागत एक बैग यूरिया की तुलना में 30 रुपये कम आती है. इसका  क्षेत्र में खड़ी फसलों पर उपयोग संभव है.

      इस प्रचार के आधार पर अनेको किसानो ने इसका उपयोग किया किन्तु उत्पादन बढ़ने के स्थान पर घटने की जानकारिया प्राप्त हुई है. यथा – श्री गोपीलाल जाट पुत्र श्री रामजीवण जाट, ग्राम एवं ग्राम पंचायत - डोडवाडी, तहसील-पीपलू, ज़िला टोंक का ने वर्ष 2021 में 1 बीघा 7 बिस्वा जमीन पर गेहूं की फ़सल में इसका उपयोग किया था तब 7.50 क्विंटल गेहूं उत्पादन हुआ। जबकी इसी जमीन में वर्ष 2020 में 18 क्विंटल गेहूं का उत्पादन हुआ था । नैनों यूरिया के उपयोग के बाद वर्ष 2021 में 10.50 क्विंटल का उत्पादन कम होने से हानि सहन करनी पड़ी थी. 

 2. यह कि किसान अपनी उपजो के उत्पादन के लिए पूर्व से प्रचलित यूरिया एवं डीएपी खरीदना चाहते है किन्तु विक्रेता सहकारी क्षेत्र की ऋणदात्री – ग्राम सेवा सहकारी/बहु देशीय सहकारी  समितिया नैनो यूरिया लेने के उपरांत ही यूरिया एवं डीएपी किसानो को उपलब्ध कराती है। 

     उनके द्वारा किसानो को नैनो यूरिया लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है और इसी बाध्यता के कारण यूरिया या डीएपी के एक बैग क्रय करने के लिए किसानो को नैनी यूरिया के 240 रुपये देने पद रहे है. यदि किसी ने 10 बैग डीएपी के क्रय किये तो उसे 2400 रुपये देने के लिए विवश होना पड़ता है.

3. यह कि नैनो यूरिया के प्रचार प्रसार के लिए सभी राज्यों में मुख्य सचिवों द्वारा नैनो यूरिया को बढ़ावा देने के लिए बैठके की गई, उसी के अंतर्गत 10 मार्च 2022 को राजस्थान के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भी इस प्रकार की बैठक हुई. जिसमे 10 लाख बोतलों का किसानों द्वारा उपयोग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. किसानों को अपनी फसलों के लिए डीएपी एवं यूरिया की आवश्यकता होती है. 

     आवश्यकता की इस तीव्रता का अनुचित लाभ लेते हुए सहकारी संस्थाएं एवं निजी विक्रेता किसानों को नैनो यूरिया लेने के लिए बाध्य कर रहे है. एक बैग के साथ नैनो यूरिया की बोतल लेना बाध्यता है इससे राजस्थान के किसानो में आक्रोश है. नैनो यूरिया को अभी तक राजस्थान के कृषि विभाग ने ‘पैकेज ऑफ़ प्रैक्टिसेस’ में सम्मिलित नहीं किया है तथा न हीं विश्वविद्यालयों की प्रयोगशाला में इसका परीक्षण हुआ है, इसके उपरांत भी किसानों को इसे क्रय करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, इससे किसानों की लूट हो रही है। 

4. यह कि नैनो यूरिया के कारण उपजो के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी एवं उर्वरको पर होने वाले खर्च में कमी आएगी तो किसान स्वत: ही क्रय करना आरम्भ कर देंगे। इसके लिए प्रदर्शन क्षेत्रो की  आवश्यकता है. नैनो यूरिया का माननीय प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित करने का प्रचार प्रसार किया गया, जिससे राज्यस्तर पर कार्य करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी मानसिक रूप से दबाव में है वे असहाय से प्रतीत हो रहे है  | कृषि विभाग की और से नैना यूरिया को टेग नहीं करने के परिपत्रो की भी पलना नहीं हो रही ! वे परिपत्र ओपचारिकता बन कर रह गये ! किसानो को अभी तक भी नैनो यूरिया की बाध्य से मुक्ति नही मिली है। 

5. यह की देश में प्रतिस्प्रधा अधिनियम 2002 प्रभाव में है किन्तु उस के अधीन गठित आयोग ने अभी प्रसंज्ञान नही लिया है , जबकि इस प्रकार के प्रकरणों में स्वत: प्रसंज्ञान लेने के प्रावधान है | इसलिए उपभोक्ता  किसानो की लूट चल रही है,  स्वस्थ प्रतिस्पर्धा  के अवसरों को समाप्त किया जा रहा है, उत्पादक संस्था का इस व्यापर पर एकाधिकार हो गया, उनकी प्रधानता एवं सरकार के अनुचित संरक्षण के कारण उन्हें  लूट की छूट प्राप्त हो गई , किसान असहाय होकर लुटने को विवश हो गया | किसानो द्वारा देश हित में कृषि उपजो के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने की अच्छी प्रवृति भी उनके लिए अभिशाप बन गई। 

6. यह की उक्त तथ्य एवं परिस्थियों को देखते हुए प्रतिस्प्रधा आयोग को तत्काल संज्ञान लेकर किसान उपभोक्तओ को लूट से बचाने के लिए अंतरिम आदेश प्रदान करते हुए निष्पक्ष कार्यवाही हेतु महानिदेशक को निर्देशित करना न्यायसंगत एवं आवश्यक है। 

अत : आवेदन प्रस्तुतकर विनम्र प्रार्थना है कि नैनो यूरिया क्रय करने की बाध्यता पर तत्काल रोक लगाई जावे, पीड़ित किसानो को क्षतिपुर्ती के साथ उनसे वसूल की गई राशि ब्याज सहित वापिस दिलाई जावे एवं निष्पक्ष एवं प्रभावी कार्यवाही हेतु महानिदेशक को निर्देशित किया जावे।