News from - अभिषेक जैन बिट्टू
18 दिनों की यात्रा के लिए मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्री और सारा सरकारी तंत्र लगा दिया, घर, स्कूल, कॉलेज, सड़क कही भी छात्राएं सुरक्षित नही इनके लिए कोई जिम्मेदार नही - संयुक्त अभिभावक संघ
जयपुर। प्रदेश में स्कूली छात्राएं हो या कॉलेज की छात्राएं हो या फिर कोचिंग जाने वाली छात्राएं हो कोई भी लड़की ना घर मे सुरक्षित है, ना स्कूल, कॉलेज और सड़कों पर सुरक्षित है. एक तरफ हम लड़कियों को बराबर का हक देने की बात करते है वही दूसरी तरफ लड़कियों पर अत्याचार और उनका शोषण कर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ कर जिल्लत की जिंदगी जीने पर मजबूर कर रहे है।
जहां सरकार को इन छात्राएं के हक सुरक्षा की लड़ाई लड़नी चाहिए. वह सरकार ना जिम्मेदारी ले रही है, ना ही कोई जवाबदेही तय कर रही है। इन दिनों राजस्थान सरकार राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए पलक पावड़े बिछा कर स्वागत करने की तैयारी में इतनी मशगूल हो गई है कि प्रदेश की व्यवस्थाएं ही दरकिनार हो चली है। प्रदेश में 18 दिन यात्रा चलेगी इस दौरान मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्री और सारा सरकारी तंत्र लगकर यात्रा और यात्रियों की सेवा में जुटेगा। किन्तु इस दौरान जो लड़कियों और छात्राओं के साथ घटनाएं घटेगी उसकी जिम्मेदारी और जवाबदेही लेने वाली ना सरकार मौजूद रहेगी ना प्रशासन।संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राज्य सरकार तो भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी में प्रदेश को ही भूल गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा 11 मंत्रियों को यात्रा की अलग-अलग व्यवस्थाएं दी गई है और सभी मंत्रियों को यात्रा में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए है। पिछले एक महीनों में छात्राओं से अत्याचार की घटनाओं की बाढ़ ही आ गई है, स्कूल-कॉलेजों से छात्र-छात्राएं किडनैप हो रहे है।
इसके अलावा बाजारों, कस्बों, शहरों, सड़कों, घरों तक से बच्चियों, छात्राओं और लड़कियों से अत्याचार की घटनाएं निकलकर सामने आ रही है। दिलचस्प यह भी है कि राज्य में सुरक्षा की व्यवस्था खुद मुख्यमंत्री के हाथों में है क्योंकि राज्य का गृह मंत्रालय सीधे तौर पर सीएम के हाथों ने है। ऐसे में मुख्यमंत्री स्वयं भी 18 दिन यात्रा में रहेंगे तो प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था कौन देखेंगे जो पहले से ही ठप पड़ी है।
स्कूलों में जाति सूचक टिप्पणी और छात्रों के साथ भेदभाव करने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही करें
प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने जानकारी देते कहा कि पहले गांवों, कस्बों और शहरों में जाति सूचक शब्दों और भेदभाव की घटनाएं घटती थी किन्तु शिक्षा के मंदिरों में इनका कोई स्थान नही होना चाहिए। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को प्रदेश के सभी निजी और सरकारी स्कूलों सहित कोचिंग संस्थानों एवं सभी तरह के शिक्षा मंदिरों पर इस संदर्भ में कठोर निर्देश जारी करने चाहिए और जाति सूचक शब्दों एवं भेदभाव जैसी घटना करने वाले प्रत्येक नागरिक पर तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए। अगर शिक्षक करता है तो उन्हें निलंबित करना चाहिए और शेक्षणिक संस्था करती है तो उसकी मान्यता रद्द होनी चाहिए।