111 किसानों के लगभग 12 करोड़ बकाया

 News from - रामस्वरूप निठारवाल

धरतीपुत्र अन्नदाताओं को अपने खून -पसीने की गाढ़ी कमाई की रकम प्राप्त करने के लिए एडी रगड़नी पड़ रही है

     जयपुर। दूदू एवं मोजमाबाद उपखंड के किसानों ने अपने खेतों में खून, पसीना द्वारा उत्पादित मूंग, चना एवं सरसों की उपजो को गत वर्ष मंडी के अनुज्ञाधारी फर्म बीआर ट्रेडिंग कंपनी एवं रोहन ट्रेडिंग कंपनी को विक्रय करने के उपरांत, उसके स्वामी राजकुमार जैन की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

     फिर इन उपजों को मृतक की पत्नी बीना देवी एवं उसके पुत्र अमन एवं नमन ने अपनी सुपुर्दगी में ले लिया था। नमन अपने पिता के साथ ही कृषि उपज मंडी समिति, दूदू में कार्य में सम्मिलित रहता था। उन्होंने ही उपजों को बेचकर उसकी राशि भी प्राप्त कर ली थी। 

     उन्होंने किसानों को विश्वास दिलाया था कि वह इस उपज को बेचकर सभी की राशि चुकता करेंगे किंतु उन्होंने किसी भी किसान को राशि का भुगतान नहीं किया। वरन् राजस्थान से बाहर चले गए जहां उन्होंने अपने आप को छुपा कर रखा हुआ है। इसमें उनकी मां बीना देवी, दोनों के श्वसुर एवं परिजन उनका सहयोग कर रहे हैं। यानी इस राशि को हड़प करने के षड्यंत्र में ये सब भी शामिल हैं । 

     इसके संबंध में 19 अप्रैल को निदेशक कृषि विपणन बोर्ड को किसानों ने आवेदन प्रस्तुत किया। जिसकी जांच में सत्यता पाए जाने पर पुलिस थाना, दूदू में सचिव महिपाल सिंह (कृषि उपज मंडी) सूरजपोल, जयपुर ने प्राथमिकी संख्या 185 दिनांक 5 जून 2023 को पंजीबद्ध कराई। जिसकी कार्यवाही के संबंध में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व एवं निर्देशन में सत्याग्रह चल रहा है । 

     उसी क्रम में कल शहीद स्मारक जयपुर में एक दिवसीय सत्याग्रह के रूप में धरना आयोजित किया। उसके उपरांत सभी किसान जयपुर में पहुंच कर अमन के ससुर अनिल जैन के निवास शास्त्री नगर, जयपुर एवं नमन के ससुर अशोक जैन की दुकान अशोका गारमेंट, चौड़ा रास्ता, जयपुर पहुंच कर बकाया राशि दिलाने का आग्रह किया। 

     आज भी किसान समूह के रूप में अमन एवं नमन के चाचा अनिल कुमार की दुकान पर दूदू मंडी में पहुंचे थे। इसी प्रकार उनके दुसरे चाचा साखून निवासी, अशोक जैन के पास पहुंचने का भी किसानों का मन है। जिन किसानों ने खून पसीना बहा कर अपनी उपज तैयार की, उन्हीं को खेती का काम छोड़ कर दर-दर भटकने के लिए विवश होना पड़ रहा है। 

     इसी संबंध में कल मुख्यमंत्री को भी किसानों के शिष्टमंडल ने मिलकर ज्ञापन सौंपा, जिसमें तत्काल गिरफ्तार करने, उनकी अचल संपत्तियों को कुर्क करने एवं किसानों की ओर से सरकार द्वारा सिविल न्यायालय में जनहित वाद लाने का भी आग्रह किया है। 

     इसी के साथ किसानों ने ज्ञापन में यह भी व्यक्त किया है कि मंडी के अनुज्ञाधारी व्यापारियों द्वारा किसानों की उपज खरीदी गई थी। उसके भुगतान का दायित्व कृषि उपज मंडी समिति का है। इसके लिए सरकार से 111 किसानों की लगभग 12 करोड राशि का तत्काल भुगतान करने का भी आग्रह किया है और भुगतान की गई राशि को व्यापारियों से वसूली के लिए भू राजस्व अधिनियम के अधीन कार्यवाही का भी सुझाव दिया है। 

     कल शिष्टमंडल में गए रामस्वरूप निठारवाल, किशनसिंह राजावत मागंलवाडा, रणजीत सिंह (एडवोकेट) महतगांव एवं कैलाश चौधरी (एडवोकेट) ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री की ओर से उनके ओएसडी ललित कुमार ने त्वरित रूप से प्रभावी कार्यवाही का आश्वासन दिया है।