किसानों की उपजो का भुगतान विलम्ब से किया जाना न्यूनतम समर्थन मूल्य से हतोत्साहित करने के लिये अन्यायकारी है - रामपाल जाट

News from - Gopal Saini

     जयपुर. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि अभी तक सरसों एवं चने की खरीद 1,26,638 किसानों से हुई जिसमें से लगभग आधे 61,367 किसानों का भुगतान बकाया है । इस बकाया भुगतान में 429.23 करोड़ रुपए सरसों तथा 401.52 करोड रुपए चना के शेष है । 

     दोनों उपजो का बकाया 830.76 करोड़ है । जिनका एक माह का ब्याज 8.30 करोड़ रुपये होता है । राजस्थान में खरीद आरंभ होने की तारीख 1 अप्रैल थी जिसे 2 माह का समय पूर्ण हो चुका है, इसमें भी कुल स्थापित खरीद केंद्रों में से जैतारण, बानसूर जैसे अनेकों केंद्रों पर अभी तक तुलाई आरंभ नहीं हुई है । 

     यह स्थिति तो तब है जबकि खरीद केंद्रों की संख्या 640 है जो ग्राम सेवा सहकारी समितियों की कुल संख्या का 10% भी नहीं है.  राजस्थान एवं किसानो के मध्य 10 अक्टूबर 2019 को लिखित समझोते के आधार पर प्रत्येक ग्राम सेवा सरकारी समिति पर खरीद केंद्र स्थापित करने की सैधांतिक सहमति हुई थी ।

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (2018) के अंतर्गत किसानों को 3 दिन में भुगतान करने का प्रावधान है । जिनमें अधिकांश किसानों को 30 दिन से अधिक का समय होने के उपरांत भी भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है । यह कदम किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय करने से हतोत्साहित करने वाला अन्यायकारी है ।

 रोचक तथ्य यह भी है की भुगतान निर्धारित समय पर करने के लिए राज्य सरकार ने भी अलग से स्थिरीकरण कोष का गठन किया हुआ है, तब भी समय पर भुगतान नहीं करना दुखद आश्चर्य है ।