सरकार की सद्बुद्धि के लिए 35 हजार से अधिक बिजली कर्मचारियों ने किया हवन

 News from - Mukut Bihari

राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन महापड़ाव पांचवे दिन भी जारी

वार्ता के लिए सीएमआर ले गए

पुलिस से परमिशन को लेकर तकरार 

     जयपुर। राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश व्यापी आव्हान पर 13 सूत्री मांग पत्र को लेकर जयपुर के जगतपुरा स्थित सीबीआई फाटक  के पास शुरू हुआ महापड़ाव शुकवार को पांचवे दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को प्रदेश भर के करीब 35 हजार से अधिक कर्मचारियों ने सरकार और निगम प्रबंधन की सद्बुद्धि के लिए हवन किया।   

     इस दौरान स्थानीय थाने के प्रभारी ने परमिशन के बिना कार्यक्रम नही करने और परमिशन लेने की बात कही। अन्यथा कार्यक्रम रोकने और स्पीकर बंद करने को बोला, जिस कर्मचारी भड़क गए और जमकर नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस अधिकारी नरम पड़े और उन्होंने निगम प्रबंधन से वार्ता कराने हेतु प्रतिनिधि मंडल भेजने को कहा। 

     गहमागहमी के बाद पांच सदस्यीय दल वार्ता के लिए आरती डोगरा के पास मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया। वही आंदोलन कारियो ने पुलिस और सरकार से वर्तमान स्थान से जबरन हटाने की कोशिश की निंदा करते हुए चेतावनी दी कि अगर उन्हें छेड़ा गया तो पुराना इतिहास उठाकर देख ले। 

     राजस्थान विधुत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि शुक्रवार को 35 हजार से अधिक विभिन्न कैडर के कर्मचारियों और अभियंताओं ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए हवन किया। गुर्जर ने निगम और सरकार की हठधर्मिता की निंदा की और कहा कि जब हम परमिशन के लिए 15 दिन से घूम रहे थे, तब तो पुलिस ने परमिशन दी नही। 


     अब जब हमने निजी खातेदारी जमीन पर महापड़ाव डाला गया तो सिर्फ गुमराह करने और कर्मचारियों को बिखेरने के लिए परमिशन का नया नाटक का घटनाक्रम किया गया। जो उचित नही है। उन्होंने सरकार को चेताया कि शांतिपूर्ण बैठे कर्मचारियों से वार्ता कर शांतिपूर्ण मांगो को पूरा किया जाए। अगर सरकार और पुलिस ने जबरन छेड़ा तो परिणाम गंभीर हो  सकते है। अन्य वक्ताओं ने भी सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि समय रहते मांगो को पूरा नही किया गया  तो संगठन बड़ा कदम उठाने से परहेज नही करेगा।                              पुलिस अधिकारियों से हुई तीखी बहस: 

     महापड़ाव के पांचवे दिन शुक्रवार को जगतपुरा थाने के थानाधिकारी पहुँचे और बिना परमिशन के कार्यक्रम को बंद करने की बात कही। इससे वहां मौजूद हजारों कर्मचारियों ने एतराज जताया और जमकर नारेबाजी की। इससे एक बारगी माहौल तनावपूर्ण हो गया। आंदोलनकारियों के सख्त लहजे के कारण पुलिस अधिकारियों को नरम होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने वार्ता के लिए ले जाने की बात कही। इस पर प्रतिनिधित्व मंडल वार्ता के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में आरती डोगरा से वार्ता के ले जाया गया, लेकिन वार्ता विफल हुई जिससे गतिरोध खत्म नही हुआ।

कई कार्यालयों पर लगे ताले: 

     अपनी मांगों को लेकर महापड़ाव पर चल रहे तकनीकी कर्मचारियों के समर्थन में विभिन्न कार्यालयों के मंत्रालयिक और तकनीकी कर्मचारियों के साथ ही कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता के भी अवकाश पर जाने के कारण कार्यालयों पर ताले लग गए। इसके कारण बिजली आपूर्ति सहित अन्य कार्य प्रभावित हुए।