यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर में ‘आउटकम बेस्ड एजुकेशन’ विषय पर व्याख्यान हुआ आयोजित

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 यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर में ‘आउटकम बेस्ड एजुकेशन’ विषय पर व्याख्यान हुआ आयोजित

      जयपुर । यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर में दिनांक 7 जून 2025 को शैक्षणिक जगत के प्रतिष्ठित विद्वान डॉ. एस.वी.एच. नगेन्द्र ने एक विशेष व्याख्यान के माध्यम से ‘आउटकम बेस्ड एजुकेशन’ (Outcome Based Education- OBE) विषय पर विद्यार्थियों, शिक्षकों और शिक्षाविदों को संबोधित किया। डॉ. नगेन्द्र ने अपने व्याख्यान में आउटकम बेस्ड एजुकेशन की अवधारणा, उसके उद्देश्य, महत्व तथा व्यावहारिक कार्यान्वयन पर विस्तार से प्रकाश डाला। 

     उन्होंने बताया कि पारंपरिक शिक्षा पद्धति की तुलना में OBE एक अधिक परिणामोन्मुख प्रणाली है, जिसमें छात्रों के अधिगम परिणामों (Learning Outcomes) को केंद्र में रखकर पाठ्यक्रम, अध्यापन और मूल्यांकन की रूपरेखा तैयार की जाती है।

     उन्होंने कहा- “आज के समय में शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन नहीं, बल्कि ज्ञान के व्यवहारिक अनुप्रयोग, कौशल विकास और नैतिक मूल्यों की स्थापना भी होना चाहिए। आउटकम बेस्ड एजुकेशन इसी दिशा में एक ठोस कदम है।” व्याख्यान के दौरान विश्वविद्यालय के वरिष्ठ सलाहकार प्रो. (डॉ). अरविन्द अग्रवाल ने बताया कि OBE मॉडल में प्रत्येक विद्यार्थी की प्रगति को मापने के लिए स्पष्ट और पूर्वनिर्धारित उद्देश्यों को आधार बनाया जाता है। इस प्रणाली से न केवल विद्यार्थियों की दक्षता में वृद्धि होती है, बल्कि संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनती है। 

     विश्वविद्यालय की प्रेसिडेंट(वाइस-चांसलर) प्रो. (डॉ.) रश्मि जैन ने कहा कि- “हम शिक्षा को इस प्रकार रूपांतरित करें कि वह सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित न रह जाए, बल्कि विद्यार्थियों में व्यावहारिक दक्षता, नैतिक मूल्य, सोचने की क्षमता और समाजोपयोगी कौशल विकसित कर सके।” व्याख्यान के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें उपस्थित शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 

     कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. कमल किशोर जांगीड़ ने की, अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने कहा- “यदि हम भारत में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार चाहते हैं, तो OBE को अपनाना और उसे व्यवहार में लाना आवश्यक है।” इस महत्वपूर्ण अवसर पर विश्वविद्यालय वाइस चेयरपर्सन डॉ. अंशु सुराना, वरिष्ठ सलाहकार प्रो. (डॉ.) अरविन्द अग्रवाल, प्रेसिडेंट(वाइस चांसलर) प्रो. (डॉ.) रश्मि जैन, प्रति-कुलपति प्रो. (डॉ.) अंकित गांधी, कुलसचिव डॉ. अनूप शर्मा, परीक्षा-नियंत्रक डॉ. कमल किशोर जांगीड़, शोध-अधिष्ठाता डॉ. रोहित सारस्वत सहित विधि विद्यापीठ, मानविकी विद्यापीठ, फार्मेसी विद्यापीठ, अभियांत्रिकी विद्यापीठ, योग विद्यापीठ के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष और प्राध्यापक उपस्थित रहे। 

     सभी ने डॉ. नगेन्द्र के ज्ञानवर्धक विचारों की सराहना की और OBE को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। यह व्याख्यान शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।